मैं अपने पछतावों की हवा में सांस ले रहा हूं
यहाँ सब कुछ दुख और विपदा की गंध दे रहा है है
दुख मुझे बताते हैं कि रोने से वे ठीक हो जाते हैं
तो चुपचाप और अकेले में मैं खुद को अंदर से ठीक कर लेता हूं।
मैंने तुम्हें भूलने के खातिर बहुत दूर जाने की सोची
लेकिन मैं समझ गया कि तुमसे दूर जा कर तुम्हें नहीं भूल पाऊंगा
इसलिए मैंने एक बार फिर तुम्हें क्षमा करने का बेहतर निर्णय लिया
और तुम्हें काम महत्व नहीं दूंगा बल्कि पूरी तरह से तुम्हारा बन कर जीऊंगा
मैं एक सपने में प्रवेश करना चाहूंगा
गहरे और शांत
और अंत में जागूँ
और पाऊं कि नज़रों सेओझल तुम मेरी दुनिया से बहुत दूर जा चुकी हो
कुछ भी ऐसा नहीं जो तुम्हारी याद दिलाये
ऐसा प्रतीत हो कि मैं तुम्हें कभी मिला ही नहीं
तुम्हें देख कर दिल में कोई भाव नहीं उठता और तुम बहुत दूर महसूस होती हो
कुछ भी नहीं जिसका कोई लेना-देना है
हमारे बीते कल की चीजों के साथ
मैं सिर्फ अपने आज में तुम्हारी अनुपस्थिति चाहता हूं।
मैं एक सपने में प्रवेश करना चाहूँगा