यही होता है, मैं दूसरों को देखती हूं
फिर भी मैं उनमें कुछ खास नहीं ढूंढ पाई
यह ऐसा ही है।
यही होता है, मैं दूसरों के साथ जा रही हूँ
समय अच्छे से कहीं अधिक बुरा गुजर रहा है,
यह ऐसा ही है।
और तुम, तुम क्या कर रहे हो ?
क्या तुम इस सब से खुश हो?
मैं यहाँ तुम्हारे सामने हूं, हमेशा वही हूं।
ओह, यह क्यों है कि मैं अभी भी तुम ही हो जिसे मैं प्यार करती हू, जिसे मैं प्यार करती हूं ?जिसे मैं प्यार करती हूं,जिसे मैं प्यार करती हूं?
तुम यहाँ मेरे सामने हो, हमेशा वही
ओह, मैं तुम्हें क्यों नहीं कह पाती :
मैं तुम्हे प्यार करती हूँ, मैं तुम्हें प्यार करती हूँ, मैं तुम्हें प्यार करती हूँ।
यही होता है, मैं दूसरों के पास वापस जा रही हूं
जो मुझसे प्यार करते हैं और जिन्हें मैं प्यार नहीं करती ,
यह ऐसा ही है।
और तुम, इस दूसरी को ढूंढों
तुम्हें वह पसंद है या तुम ऐसा सोचते हो
यह ऐसा ही है।
यहां हमारे पास एक दूसरे से कहने के लिए और कुछ नहीं है।
मैं यहाँ तुम्हारे सामने हूं, हमेशा वही हूं,
तुम इसे देख पा रहे हो कि, यह अभी भी तुम ही हो जिसे मैं प्यार करती हूँ,
जिसे मैं प्यार करती हूं, जिसे मैं प्यार करती हूं, जिसे मैं प्यार करती हूं।
तुम चले जाते हो तो सब कुछ बेकार लगता है
ओह, मैं क्यों नहीं रो पाती:
मैं तुम्हे प्यार करती हूँ, मैं तुम्हे प्यार करती हूँ, मैं तुम्हे प्यार करती हूँ।