तुम्हे जरूरत नहीं है
आधी दुनिया को बदलने की
तुम्हे जरूरत नहीं है ढूंढने की
उन दीवारों की जिन्हे तोडना है
मेरी नज़र तुम पर पड़ने भर की देर है
और मुझे तुम्हारे चारों तरफ कोई छाया नहीं दिखाई देती
तुम्हे जरूरत नहीं है
मेरे पैरों पर सूरज को ला कर रखने की
तुम्हे जरूरत नहीं है
पृथ्वी को घूमने से रोकने की
तुम्हारे बिना अपने वजूद की कल्पना भर करते ही
मेरी जान निकल जाती है
तुम्हे जरूरत नहीं है
मुझे अपनी आत्मा की आहुति देने की
तुम्हे जरूरत नहीं है
मुझे अपने दिनों को पेश करने की
मेरी रात को तुम्हारी ओर आने भर की देर है कि
की मेरा अंदर जगमगा उठता है