काश तुम देख सकती आँसू जो छोड़ गई तुम पीछे दुनिया में
काश तुम कर देती ठीक मेरा दिल फिर एक बार
जब भी करूँ मैं आँखें बंद
एक तस्वीर सी आती तुम्हारे चेहरे की
और फिर एक बार मुझे होता अहसास
तुमको खोने का ग़म नहीं भर सकता कभी
अकेलापन
बनाया मेरे लिये अकेलेपन को
जिस दिन से तुम गई हो दूर
क्यूँ तुमने छोड़ दिया मुझे
अकेलापन में
मेरे दिल में थी केवल तुम
और तुम्हारी याद हैं अमर
क्यूँ तुमने छोड़ दिया मुझे
अकेलापन में
चल रहा हूँ उन रास्तों पर जो हैं नहीं
जहाँ हमारा प्यार था जवान और बंधन मुक्त
यक़ीन नहीं होता कितना है ख़ाली जगह
हो गया कुछ ऐसा
जिसके लिये दे दूँ जान भी
अगर हो सब पहले जैसा
क्यूँकि मैं नहीं कर सकता शांत आवाज़ मेरे भीतर
जो पुकार रही तुम्हारा नाम
अकेलापन
बनाया मेरे लिये अकेलेपन को
जिस दिन से तुम गई हो दूर
क्यूँ तुमने छोड़ दिया मुझे
अकेलापन में
मेरे दिल में थी केवल तुम
और तुम्हारी याद हैं अमर
क्यूँ तुमने छोड़ दिया मुझे
अकेलापन में
समय कभी ना बदल सकेगा जो चीज़ें तुमने बताई मुझे
आख़िर हम बने थे
कि प्यार हमें वापिस ले आयेगा एक दूसरे के पास
अगर तुम ये देख सकती
अकेलापन
बनाया मेरे लिये अकेलेपन को
जिस दिन से तुम गई हो दूर
क्यूँ तुमने छोड़ दिया मुझे
अकेलापन में
मेरे दिल में थी केवल तुम
और तुम्हारी याद हैं अमर
क्यूँ तुमने छोड़ दिया मुझे
अकेलापन में